परमात्मा का प्रत्यक्ष दर्शन – दर्शन कैसे हो?

mahamrityunjay mantra ki mahima aur anushthan by sugam gyaan sangam जप के पूर्व प्रतिदिन विनियोग पढ़ लेना चाहिये ताकि हम जिनके लिये जप करें, उनके लिये फलीभूत हो। विनियोग:- ॐ अस्य श्री महामृत्युञ्जय मन्त्रस्य, वशिष्ठ ऋषिः, अनुष्टुप छन्द, श्री महामृत्युञ्जय रुद्र देवता, हौं बीजम्, जूँ शक्तिः, सः किलकम् (जिसके लिये जप करेंगे, उसका नाम) आयु, आरोग्य, यशः, कीर्ति, पुष्टि, वृद्धि अर्थे जपे विनियोगः। बीजमन्त्रसहित महामृत्युंजय मन्त्र का जप गाकर नहीं किया जाता। अपितु जैसे जप किया जाता है, उस प्रकार जप करें। बीजमन्त्रसहित महामृत्युंजय मन्त्र :- ॐ हौं जूँ सः। ॐ भूर्भुवः स्वः। ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्व्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।। ॐ स्वः भुवः भूः ॐ। सः जूँ हौं ॐ।